कोरोना महामारी में अस्थमा के मरीजों को रखना है अपना खास ध्यान, जानिए क्यों और कैसे?

कोरोना महामारी में अस्थमा के मरीजों को रखना है अपना खास ध्यान, जानिए क्यों और  कैसे?

सेहतराग टीम

पूरी दुनिया में फैल चुका कोरोना वायरस अभी खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। यही कारण है लोग घरों में रहकर इससे बच रहे है। वहीं अभी तक इसके बचाव के लिए कोई दवा या वैक्सिन ना बन पाना भी लोगों को घरों में ही रहने को मजबूर कर रहा है। इसके अलावा अगर इसके लक्षण भी सामान्य फ्लू की तरह ही है। इसलिए तो अधिकतर लोग इसे सामान्य मानकर घर बैठकर अन्य लोगों को भी अपनी बीमारी दे देते हैं। वैसे कोरोना वायरस से इंफेक्टेड होने पर बुखार,खांसी और सांस फूलने की समस्या होती है। यही सामान्य फ्लू में भी होता है। ऐसे अगर किसी को पहले ही सांस फूलने की बीमारी है तो उसे इस समय ज्यादा सावधानियां बरतने की जरुरत है। ऐसे लोगों में अस्थमा या फिर फेफड़े से जुड़ी बीमारी के मरीज भी आते है।

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स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स ने पहले ही अस्थमा के मरीज़ों को चेताया है कि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से अस्थमा अटैक या फिर फेफड़ों से जुड़ा गंभीर इंफेक्शन हो सकता है। डॉक्टर्स ज़ोर देकर कह रहे हैं कि अस्थमा के मरीज़ों को इन्हेलर का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए। हर साल 5 मई को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। आज हम जानेंगे कि क्या SARS-CoV-2 यानी कोरोना वायरस अस्थमा के मरीज़ों के लिए ज़्यादा ख़तरनाक है

क्या अस्थमा कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बढ़ा देता है?

अभी तक ऐसा कोई मामला या सबूत सामने नहीं आया है, जिससे ये साबित हो कि अस्थमा के मरीज़ों का कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, शुरुआती रिपोर्ट्स और यहां तक कि सीडीसी ने ये कहा था कि जिन लोगों को हल्के से गंभीर अस्थमा है, उनका इस वायरस से संक्रमित होने का जोखिम भी ज़्यादा है। 

ऐसी कई रिपोर्टेल सामने आई हैं जिसमें कहा गया है कि गडैर-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग (NSAIDs) और कॉर्टीकोस्टेरॉइड्स COVID-19 रोगियों में लक्षणों को बढ़ा सकता है। अगर अस्थमा के मरीज़ को कोरोना वायरस हो जाता है, तो क्या उसे स्टेरॉइड इंहेलर या दवाइयां लेनी बंद कर देनी चाहिए?

डॉक्टर का मानना है कि अस्थमा के जो मरीज़ नियंत्रक दवाई ले रहे हैं, उन्हें अस्थमा को कंट्रोल में रखने के लिए इसे लेते रहना चाहिए। अगर वह ये दवाइयां बंद कर देंगे, तो उनकी हालात ज़्यादा खराब हो सकती है। यहां तक कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है, जिससे उनका इस वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा बढ़ सकता है। अगर आपको बुखार आ जाता है, तो पैरासिटामॉल खाना सुरक्षित है।

मौजूदा महामारी में एक अस्थमा का मरीज़ अपनी बीमारी को कैसे नियंत्रण में रख सकता है?

डॉक्टर्ज़ का कहना है कि अपनी दवाइयां समय पर लें और रोज़ाना लें, ताकि अस्थमा कंट्रोल में रहे। अगर आप किसी एलर्जी या संक्रमण के चपेट में आते भी हैं, तो आपके फेफड़े इससे बेहतर तरीके से लड़ सकेंगे। अगर आपको बुख़ार, खांसी, सांस की तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द आदि जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही धूल, धुंआ, पोलन जैसी चीज़ों से दूर रहें। साथ ही तनाव और घबराहट से पार पाना सीखें, क्योंकि इससे भी अस्थमा अटैक हो सकता है।

 

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